मोको कहाँ ढूंढें बन्दे, मैं तो तेरे पास में ।
Jul 20
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હેમા દેસાઈ ના સ્વરમાં
मोको कहाँ ढूंढें बन्दे, मैं तो तेरे पास में ।
ना तीरथ में ना मूरत में, ना एकांत निवास में ।
ना मंदिर में, ना मस्जिद में, ना काबे कैलाश में ॥
ना मैं जप में, ना मैं तप में, ना मैं व्रत उपास में ।
ना मैं क्रिया क्रम में रहता, ना ही योग संन्यास में ॥
नहीं प्राण में नहीं पिंड में, ना ब्रा ह्माण्ड आकाश में ।
ना मैं त्रिकुटी भवर में, सब स्वांसो के स्वास में ॥
खोजी होए तुरत मिल जाऊं एक पल की ही तलाश में ।
कहे कबीर सुनो भाई साधो, मैं तो हूँ विश्वास में ॥
-कबीर
स्वर :भुपिन्दर सींग
स्वरांकन : भुपिन्दर सींग