कहन लागे मोहन मैया मैया।
नंद महर सों बाबा बाबा अरु हलधर सों भैया॥

ऊंचे चढि़ चढि़ कहति जशोदा लै लै नाम कन्हैया।
दूरि खेलनी जिन जाहु लल्ला तुम मारैगी काहू की गैया॥

गोप ग्वाल सब करत कौतूहल घर घर बाजत बधैया।
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरसकों चरनन की बलि जैया॥

-सूरदास

स्वर : प्रहर वोरा
स्वरांकन : कृर्ष्णकांत परीख